अच्छे लोग रोड के किनारे पर लगी लाइट जैसे होते हैं वो मंजिल की दूरी तो कम नहीं करते लेकिन वो रास्ते को रोशनी से भर देते हैं या सफर को आसान बनाते हैं इसी तरह हमारे ट्रस्टी जो हमारे इस सफर में हमारे साथ हैं |
ट्रस्टी
अध्यक्ष
— अविनाश बंसल
श्री अविनाश बंसल जी, अक्षर प्रभात मासिक पत्रिका के (अध्यक्ष), श्री बंसल जी ने पत्रिका को नये रूप में जारी रखने का प्रयास किया है, नये-नये विचारों एवं सनातन संस्कृति को ध्यान में रखते हुये यह पत्रिका आप सब के समक्ष प्रस्तुत की गयी है। श्री बंसल जी सकारात्मक कठिन परिश्रमी, एवं धैर्यवान व्यक्तित्व वाले है। आपके नेतृत्व में अक्षर प्रभात पत्रिका हमेशा आगे बढ़ती रहे।
उपाध्याय
— नितिन बंसल
सलाहकार
— अमित बंसल
कोषाध्यक्ष
— दिव्या बंसल
प्रेरणास्रोत
— रामगोपाल बंसल
स्वर्गीय श्री राम गोपाल बंसल जी जिन्होंने अपना पूरा जीवन अक्षर प्रभात पत्रिका को समर्पित कर दिया। वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे अक्षर प्रभात पत्रिका को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत रहे। वे हमेशा ही कहते थे कि “ करते – करते मरो, मरते-मरते करो” और यही उन्होंने किया भी अपने जीवन के अन्तिम क्षणों में भी वे अपने काम को करते-करते ईश्वर में विलीन हो गये। उनका कहना था कि मैं इस संसार से बस एक बार ही तो गुजरूँगा इसलिए किसी मनुष्य का जो भी भला कर सकूँ कर दूँ। जो भी करूणा वरत सकूँ, वरत दूँ। इसे नजर अन्दाज न करूँ, क्योंकि मैं इस राह से फिर नहीं गुजरूगा। इसीलिये हम अपना शेषपूर्ण जीवन परमपुरूष के कार्य में लिप्त हैं और रहेगे भी।